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admin on Apr 14, 2022 in
Religious News |
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12 अप्रेल 2022 ब्रह्मलोकम के वार्षिक संभारम मे मुख्य अतिथि आशफाक खोपेकर की उपस्थिति से ब्रह्मलोकम के जनक और मुख्य ब्राह्माश्री शरदचंद्र बोस और हजारो लोगो ने मिलकर जात पात, उंच निच,अमीर गरीब सारे भेदभाव को हटाकर बडी शालीनता और प्रसन्नता के माहोल मे मनाया। कीलेपटटाकुरीची,तेनाकसी,तामिळनाडु स्थापित ब्रह्मलोकम पंचमुखी ब्रह्मदेवं मंदिर में मुख्य देवता (मूर्ति) 5 सिरों वाले ब्रह्मपरब्रह्म हैं, जो सृष्टि के 5 तत्वों (पंचभूतों) अंतरिक्ष, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी को दर्शाते हैं। मंदिर में और देवता इस क्रम में स्थापित किये हैं, ब्रह्मनवग्रह,ब्रह्मनाग, ब्रह्ममहागणपति, ब्रह्मवेल मुरुगन, ब्रह्मसबरी अय्यप्पन, ब्रह्मअंजनेयन, ब्रह्ममहाविष्णु, ब्रह्ममहाशिव, ब्रह्मसरस्वती, ब्रह्मलक्ष्मी, ब्रह्मशक्ति, पंचमुघब्रह्म परब्रह्म के रूप में। ब्रह्मा एडवोकेटे के के सरचंद्र बोस 40 से अधिक वर्षों से भारत मे हिंदू धर्म में “जाति” और “जाति व्यवस्था” विषय पर शोध कर ये निष्कर्ष निकाला है कि पौधों और जानवरों के बीच जाति का उपयोग किया जाता है क्योंकि उनके बीच विभिन्न उप-प्रजातियां हैं। चूंकि मनुष्यों में ऐसी कोई उप-प्रजाति नहीं है, जाति मनुष्यों के बीच द्वेश पैदा करती है। केके बोस जी को यह भी ज्ञात हुआ है कि त्रिमूर्ति ब्रह्म-विष्णु-शिव इस रचनात्मक रूप में ब्रह्मा सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं। जीविका रूप विष्णु, विनाशकारी रूप शिव। इस सिद्धांत के आधार पर कि सृजन के बिना जहां में जीविका नहीं हो सकती है, सृजन के बिना विनाश नहीं हो सकता है और चूंकि ब्रह्मा को न केवल पौधों और पेड़ों, जानवरों, मनुष्यों के निर्माता के रूप में स्वीकार किया जाता है, बल्कि प्राणियों और गैर-प्राणियों से युक्त पूरे ब्रह्मांड में, ब्रह्मा सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं और विष्णु, शिव, और त्रिदेवी सरस्वती-लक्ष्मी-शक्ति मनुष्य की प्रक्रिया को समझने के लिए ब्रह्मा के विभिन्न रूप हैं।इसीलिए सृष्टि के समय से ही विद्वान व्यक्ति को ब्राह्मण कहा जाता है – ब्रह्म ज्ञानति ब्राह्मणः, जिसके पास ब्रह्मज्ञान या ब्रह्म का ज्ञान है, वह ब्राह्मण है। इसी सच्चाई से लोगो को अवगत कराने हेतु ये कदम उठाया है। केके बोस ने 30 सदस्यीय टीम...
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